श्री अयोध्या जी की महिमा

श्रीअवध महिमा चैत्रे मासि च सम्प्राप्ते नवमी दिनमाश्रितः। योऽभिगच्छति वै भद्रे ह्ययोध्यां सरयूं प्रति ॥ फलं तत्राक्षयं देवि भवतीत्यनुशुश्रुम। सायं प्रातः स्मरेद्यस्तु ह्ययोध्यां च कृताञ्जलिः ॥ उपस्पृष्टानि तीर्थानि त्वयोध्यायाश्चभामिनि ।…

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 विश्व- परम्परा में देवी

सृष्टि के आरंभ से ही देवी माँ का स्वरूप विद्यमान रहा है। देवी की आराधना शक्ति की आराधना है। शक्ति का अर्थ होता है ऊर्जा, सामर्थ्य, क्षमता, अन्तः शक्ति। देवी…

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श्री अयोध्या जी का प्राकट्य

गंगा बड़ी न गोदावरी, न तीरथ बड़े प्रयाग। सबसे बड़ी अयोध्या नगरी, जहाँ राम लीन्ह अवतार।। श्री अयोध्या जी के महात्म्य से हम सब परिचित हैं, जिनके आँगन-ह्रदय में स्वयं…

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